शिलाजीत.... शिलाजीत क्या है? शिलाजीत एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज पदार्थ है जो हिमालय और भारतीय उपमहाद्वीप की हिंदुकुश पर्वतमाला में पाया जाता है। ये एक दुर्लभ पदार्थ है जो हजारों वर्षों से पौधों और पौधों की सामग्री के विघटन से बनता आया है। शिलाजीत एक गाढ़ा और लसलसेदार पदार्थ होता है। आयुर्वेद में शिलाजीत को रसायन (शक्तिवर्द्धक) कहा गया है क्योंकि इससे संपूर्ण सेहत में सुधार आता है। पहचान.. शिलाजीत के जरा से टुकड़े को लकड़ी के अंगार पर रखते ही अगर वह उपर की तरह खड़ा हो जाय तो उस शिलाजीत को असली समझना चाहिये । शिलाजीत को जरा सा लेकर अंगारे पर डालने से अगर धुआँ न उठे तो उसे उत्तम समझना चाहिये । शिलाजीत को एक तिनके की नोक में लगाकर पानी के कटोरे में डालना चाहिये । अगर वह सबका सब तार-तार होकर जल के नीचे बैठ जाये तो उसे उत्तम समझना चाहिये। शिलाजीत को नाक से सूंघने पर अगर उसमें गौमूत्र के समान गन्ध आवे और वह रङ्ग में काली तथा पतले गोंद के समान हो, वजन में हलका और चिकना हो तो उसे उत्तम समझना चाहिये । शिलाजीत के लाभ... गठिया (arthritis) जोड़ो का शत्र...
अरहड़ की दाल गुण 1. निघंटुकारों के अनुसार अरहर रूक्ष, मधुर, कसैली, शीतल, पचने में हल्की, मलावरोधक, वायुकारक, शरीर के वर्ण को सुंदर बनानेवाली, कफ एवं रक्त संबंधी विकारों को दूर करनेवाली है। 2. लाल अरहर की दाल मलावरोधक, हल्की, तीक्ष्ण तथा गरम बताई गई है। 3. इसके अलावा यह अग्नि को प्रदीप्त करनेवाली; कफ, विष, रक्तविकार, खुजली तथा जठर के कृमियों को दूर करनेवाली है। 4. अरहर की दाल पथ्यकर, कुछ-कुछ वातल, कृमि त्रिदोषनाशक कही गई है। 5. यह रुचिकारक, बलकारक, ज्वरनाशक, पित्तदोष तथा गुल्म रोगों में लाभकारी है। 6. अरहर में प्रोटीन 21-26, चिकनाई 2.50, कार्बोज 54.06, कार्बोहाइड्रेट्स 60, खनिज लवण 5.50 तथा जल की मात्रा 10 प्रतिशत तक होती है। उपयोग • अरहर की दाल खाने में बड़ी स्वादिष्ट होती है, अतः इसकी उपयोगिता हर घर की रसोई में है। • अरहर की कच्ची हरी फलियों में से दाने निकालकर उसकी स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है तथा अन्य सब्जियों बैंगन, आलू आदि के साथ इसे बनाया जाता है। • अरहर के दानों को उबालकर पर्याप्त जल में छौंककर स्वादिष्ट पतली तरकारी बताई जाती है। • इसकी दाल से 'पूरन' बनाया जाता ...